डॉ. मिड्ढा की राजनीतिक यात्रा 2019 में उपचुनाव से शुरू हुई, जब उन्होंने अपने पिता, दिवंगत डॉ. हरी चंद मिड्ढा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। अपने पिता के अनुकरणीय कार्यों और मूल्यों को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की। यह जीत केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं थी, बल्कि जींद की जनता के साथ उनकी गहरी जुड़ाव का परिणाम थी।
अपने पहले कार्यकाल में ही, उन्होंने जनता की प्राथमिकताओं को समझकर, जमीनी स्तर पर विकास योजनाओं को लागू करना शुरू किया।
उन्होंने महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा दिया, जैसे सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र और महिला उद्यमिता कार्यक्रम। इसके साथ ही, उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर कार्य किया।
डॉ. मिड्ढा ने गांवों में स्वच्छ पेयजल, शौचालय, सड़क निर्माण, और बिजली की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं लागू कीं। साथ ही, स्वास्थ्य केंद्रों और सामुदायिक सुविधाओं के विकास से ग्रामीण जीवन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।
डॉ. मिड्ढा ने किसानों के लिए आधुनिक सिंचाई तकनीकों, सब्सिडी वाली योजनाओं, फसल बीमा, और कृषि मशीनरी उपलब्ध कराई। इससे न केवल उनकी आय बढ़ी बल्कि कृषि उत्पादन में भी वृद्धि हुई, जो अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी रहा।
2019 के मुख्य चुनावों में फिर से जीत हासिल कर, डॉ. मिड्ढा ने जनता की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अपनी विकास यात्रा को तेज किया।
जींद को स्मार्ट शहरों की सूची में शामिल करने के प्रयासों के तहत, उन्होंने शहर के विकास के लिए आईटी और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा दिया।
उन्होंने औद्योगिक विकास के लिए निवेशकों को आकर्षित किया, जिससे क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए।
उन्होंने युवाओं के लिए करियर काउंसलिंग सत्र, सरकारी नौकरियों की तैयारी के लिए कोचिंग और खेलकूद के क्षेत्र में प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया।
2024 में लगातार तीसरी बार जीत दर्ज कर उन्होंने अपनी लोकप्रियता और कुशल नेतृत्व को और मजबूत किया। इसके बाद हरियाणा विधानसभा का डिप्टी स्पीकर चुना जाना उनके राजनीतिक सफर का एक और अहम मोड़ था।
उन्होंने सदन की कार्यवाही को पारदर्शी और सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में सदन ने कई ऐतिहासिक विधेयक पारित किए, जो हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित हुए।
डिप्टी स्पीकर के रूप में उन्होंने सदन में सभी राजनीतिक दलों के साथ समन्वय स्थापित किया। उनके प्रयासों से लोकतांत्रिक परंपराएं और मजबूत हुईं, और सदन की कार्यवाही में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।
डॉ. कृष्णा मिड्ढा का राजनीतिक सफर केवल उनके लिए नहीं, बल्कि जींद की जनता के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी दूरदृष्टि, विकासशील सोच और नीतिगत निर्णय क्षेत्र को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं। उनकी प्राथमिकता समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना और एक ऐसा माहौल बनाना है, जहां प्रगति और समृद्धि हर व्यक्ति तक पहुंचे। डॉ. कृष्णा मिड्ढा की नेतृत्व क्षमता और विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें न केवल एक सफल नेता बनाया, बल्कि जींद के लिए एक प्रेरक व्यक्तित्व भी। उनका राजनीतिक करियर इस बात का उदाहरण है कि जब एक नेता जनता के साथ जुड़कर काम करता है, तो वह क्षेत्र और समाज दोनों को सकारात्मक रूप से बदल सकता है।