डॉ. कृष्णा मिड्ढा

प्रेरणादायक यात्रा: साधारण से असाधारण तक

डॉ. कृष्णा मिड्ढा, हरियाणा विधानसभा में जींद के प्रतिनिधि और वर्तमान में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर हैं। उनकी यात्रा साधारण से असाधारण तक की एक प्रेरणादायक कहानी है। डॉ. मिड्ढा ने अपनी शिक्षा और करियर की शुरुआत चिकित्सा क्षेत्र से की, लेकिन समाज की सेवा और पिता के आदर्शों ने उन्हें राजनीति में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। उनकी उपलब्धियां यह दिखाती हैं कि समर्पण और परिश्रम से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में उल्लेखनीय ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।

विकास के लिए समर्पित पहल

अपने विधानसभा कार्यकाल के दौरान, डॉ. मिड्ढा ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और आधारभूत संरचना के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। उनका उद्देश्य जींद में ऐसा माहौल बनाना है, जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले। उन्होंने चिकित्सा सेवाओं में सुधार, शिक्षा के लिए सुविधाओं का विस्तार और रोजगार के नए अवसरों को प्राथमिकता दी है। उनके नेतृत्व में जींद में कई योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत हुई है।

युवा पीढ़ी के लिए कार्य

डॉ. मिड्ढा का मानना है कि जींद का भविष्य यहां की युवा पीढ़ी के हाथों में है। उन्होंने शिक्षा, कौशल विकास, और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उनका लक्ष्य है कि जींद का हर युवा आत्मनिर्भर बने और क्षेत्र के विकास में योगदान दे। उनके कार्यक्रमों और पहलों ने न केवल युवाओं को अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाए हैं।

पिता से प्रेरणा: सेवा की परंपरा

डॉ. मिड्ढा का जीवन अपने पिता, दिवंगत डॉ. हरी चंद मिड्ढा के आदर्शों और उनके द्वारा स्थापित सेवा की परंपरा से गहराई से प्रेरित है। डॉ. हरी चंद मिड्ढा एक प्रतिष्ठित चिकित्सक और जींद के एक सम्मानित राजनीतिक नेता थे। उन्होंने अपने जीवन को निस्वार्थ सेवा और जनता के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी करुणा और संवेदनशीलता ने उन्हें जींद के लोगों के बीच एक अमिट छाप छोड़ने में मदद की। उनके द्वारा स्थापित अस्पताल आज भी समाज की सेवा कर रहा है और उनके मूल्यों को जीवित रखे हुए है। डॉ. कृष्णा मिड्ढा ने अपने पिता से सेवा, ईमानदारी, और कर्तव्यनिष्ठा की शिक्षा प्राप्त की। डॉ. हरी चंद मिड्ढा की न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी लोगों के लिए सेवा करने की प्रतिबद्धता ने डॉ. कृष्णा मिड्ढा के जीवन और करियर को दिशा दी। उन्होंने यह समझा कि अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का सर्वोत्तम तरीका है लोगों की सेवा करना और समाज के लिए कुछ सार्थक करना।

चिकित्सा से राजनीति तक
डॉ. कृष्णा मिड्ढा की यात्रा और नेतृत्व

अपने पिता की तरह, डॉ. कृष्णा मिड्ढा ने चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करते हुए अपने करियर की शुरुआत की। लोगों की सेवा के प्रति गहरे लगाव और पिता के आदर्शों से प्रेरित होकर, उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया। चिकित्सा सेवाओं में योगदान के बाद, डॉ. मिड्ढा ने 2019 में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए राजनीति में कदम रखा।

चिकित्सा से राजनीति तक की यात्रा

2019 के जींद उपचुनाव में, डॉ. मिड्ढा ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में एक ऐतिहासिक जीत दर्ज करवाई। यह चुनाव न केवल उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, बल्कि जींद के राजनीतिक इतिहास में भी बदलाव का प्रतीक बना। इस जीत से उन्होंने क्षेत्रीय दलों के प्रभाव को चुनौती देते हुए विधानसभा सीट पर कब्जा किया।

ऐतिहासिक चुनावी जीत

2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में उन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की और जींद के लोगों के विश्वास को कायम रखा। इस चुनाव के बाद, उन्हें हरियाणा विधानसभा का डिप्टी स्पीकर नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल में पारदर्शिता, विकास और जनसेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

नेतृत्व में पारदर्शिता और विकास
सेवा की विरासत को आगे बढ़ाते हुए

अपने परिवार की सेवा की परंपरा को जारी रखते हुए, डॉ. कृष्णा मिड्ढा अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। डॉ. हरी चंद मिड्ढा ने जिस करुणा और सेवा भाव से जनता की सेवा की, वह जींद के लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ गई। उसी आदर्श को अपनाते हुए, डॉ. कृष्णा मिड्ढा ने अपने कार्यों में ईमानदारी और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है। उनका जीवन समाज के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता और लोगों की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयासों का सजीव प्रमाण है।

डॉ. मिड्ढा ने अपने नेतृत्व में सेवा के नए आयाम स्थापित किए हैं। चिकित्सा से लेकर राजनीति तक, उन्होंने हर क्षेत्र में अपने पिता के सिद्धांतों को जीवंत रखा है। उनके द्वारा लागू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों ने न केवल समाज के सभी वर्गों को लाभान्वित किया है, बल्कि लोगों में एक नया विश्वास भी पैदा किया है। उनका उद्देश्य जींद की जनता को सशक्त बनाना और एक ऐसे भविष्य की दिशा में अग्रसर करना है, जहां हर नागरिक को समान अवसर प्राप्त हों।